केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बीएसएफ चौकी पर जाकर सुरक्षा हालात की समीक्षा की तो थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों का दौरा कर सुरक्षा स्थिति तथा सैन्य बलों की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की। इसके अलावा सेना ने जहां घने वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी ऐलान कर दिया है कि आतंकवाद का पूरी तरह सफाया होने तक वह चैन से नहीं बैठेगी। उधर, अमित शाह ने कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा कर निगरानी में तकनीक का उपयोग करने पर जोर दिया है साथ ही सेना, पुलिस और अर्ध सैन्य बलों के बीच और बेहतर समन्वय बनाने को कहा है।
जहां तक सेना प्रमुख के दौरे की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने भी सेना से अपने अभियानों में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने पर जोर दिया। भारतीय सेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सुरक्षा स्थिति और परिचालन तत्परता का मूल्यांकन करने के लिए उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों का दौरा किया।’’ सेना प्रमुख ने सैनिकों से भी बातचीत की तथा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने में उनके अदम्य साहस और दृढ़ता की सराहना की। सेना ने कहा, ‘‘उन्होंने अभियानों में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।”
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हम आपको यह भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बर्फ पिघलने और पहाड़ी दर्रे खुलने के साथ ही सेना ने चेनाब घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ के प्रयास को विफल करने तथा शांति बनाए रखने के मकसद से डोडा जिले के घने वन क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाने के बीच भद्रवाह घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। पिछले महीने आतंकवादी यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर कठुआ जिले में घुसपैठ करने में सफल रहे थे। पिछले एक वर्ष में कठुआ, पाकिस्तान के आतंकवादियों के लिए उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों तक पहुंचने में एक प्रमुख घुसपैठ मार्ग के रूप में उभरा है। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ में हाल में हुई मुठभेड़ों, आतंकवादियों के देखे जाने और बर्फ पिघलने के साथ ही सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के बाद यहां आगे और आतंकी गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर सेना ने भद्रवाह घाटी के ऊंचे इलाकों में निगरानी उपायों को पुख्ता किया है। हम आपको बता दें कि हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट पांच पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह के साथ पहली मुठभेड़ के पांच दिन बाद 27 मार्च को कठुआ में भीषण मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए और दो आतंकवादी मारे गए थे। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन के खतरे के मद्देनजर कठिन परिस्थितियों के बावजूद भद्रवाह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने बर्फ से ढके सियोज धार, पद्री गली, शंख पद्दर और चत्तरगला दर्रे के अलावा 15,500 फुट ऊंचे कैलाश कुंड पर्वतों पर निगरानी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि कठुआ, सांबा और उधमपुर की सीमा से लगे ऊंचाई वाले दर्रों पर अतिरिक्त जवानों को भेजने के अलावा, समुद्र तल से 10,531 फुट की ऊंचाई पर स्थित भद्रवाह-पठानकोट राजमार्ग पर सबसे ऊंचे स्थान चत्तरगल्ला दर्रे पर एक संयुक्त सुरक्षा चौकी स्थापित की जा रही है।
हम आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान केंद्र शासित प्रदेश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने में सुरक्षा एजेंसियों के काम की सराहना की और उनसे सतर्कता बढ़ाने को कहा।
उधर, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया होने तक उनका विभाग चैन से नहीं बैठेगा। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि 1989 से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 515 विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) सहित 1,614 पुलिस कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री के निर्णयों के सफल कार्यान्वयन और उनके समर्थन ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को रणनीतिक रूप से बहुत मजबूत बल बना दिया है।