इंडोनेशिया गाजा में युद्ध से प्रभावित फिलिस्तीनियों को अस्थायी रूप से शरण देने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने अनुमान लगाया है कि पहली खेप में 1,000 लोग हो सकते हैं। प्रबोवो ने कहा कि उन्होंने अपने विदेश मंत्री को फिलिस्तीनी पक्ष और अन्य पक्षों के साथ इस बारे में जल्दी से चर्चा करने का निर्देश दिया है कि प्रभावित फिलिस्तीनियों को बाहर निकाला जाए। प्रबोवो ने कहा कि हम घायलों, आघातग्रस्त, अनाथों को निकालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित अस्थायी रूप से इंडोनेशिया में तब तक रहेंगे जब तक वे अपनी चोटों से पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते और गाजा में स्थिति उनके लौटने के लिए सुरक्षित नहीं हो जाती।
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जकार्ता दो-राज्य समाधान की वकालत कर रहा है और उसने मानवीय सहायता भेजी है। इज़राइली आंकड़ों के अनुसार, गाजा में इज़रायल का युद्ध अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था, जब हमास के लड़ाकों ने दक्षिणी इज़रायल में 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि तब से लेकर अब तक इजरायल के सैन्य अभियान में 50,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। प्रबोवो ने कहा कि इंडोनेशिया संघर्ष का समाधान खोजने में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहता है, लेकिन यह योजना आसान नहीं है। फिलिस्तीनियों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्रता के समर्थन में इंडोनेशिया की प्रतिबद्धता ने हमारी सरकार को और अधिक सक्रियता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।
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प्रबोवो ने यह बात तब कही जब वह तुर्की, मिस्र और कतर सहित विदेश यात्रा पर जाने वाले थे। प्रबोवो की यह टिप्पणी इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा दो महीने पहले दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उसने कहा था कि वह फिलिस्तीनियों को जबरन विस्थापित करने के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से खारिज करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा से फिलिस्तीनियों को स्थायी रूप से बाहर निकालने का सुझाव दिया था।