बिहार चुनाव को लेकर जदयू ने बड़ा दावा कर दिया है। बिहार के मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि एनडीए में बिलकुल भी कोई भ्रम नहीं है। चिराग पासवान ने भी कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने भी यही कहा है। विपक्ष ये खबर फैला रहा है कि एनडीए एकजुट नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि एनडीए एकजुट है, नीतीश कुमार एक बार फिर सीएम बनेंगे और अगले पांच सालों में बिहार आर्थिक रूप से काफी तरक्की करेगा।
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अशोक चौधरी ने कहा कि आगामी चुनाव में एनडीए 200 से ज़्यादा सीटें जीतेगी। हमें उम्मीद नहीं है कि तेजस्वी यादव हमारे लिए कुछ अच्छा कहेंगे। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार को बिहार मिला था, तब बजट 24,000 करोड़ रुपये था, आज यह लगभग 3.20 लाख करोड़ रुपये है। लोग आरजेडी से डरते हैं, कोई नहीं चाहता कि वह सत्ता में आए और लोग नीतीश कुमार के प्रदर्शन से खुश हैं। दूसरी ओर बिहार में इंडिया ब्लॉक के घटक दलों ने राजद के तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का गठन किया, जो इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर विचार-विमर्श करेगी। इस आशय का निर्णय राजद कार्यालय में राज्य में ‘महागठबंधन’ के सभी गठबंधन सहयोगियों की बैठक में लिया गया।
हालांकि, इस बात की सबसे ज्यादा संभावना थी, उसपर बात नहीं बन सकी। तेजस्वी को फिलहाल सीएम फेस बनाने को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। बिहार के छोटे गटक दल इसके लिए तैयार हैं, हालांकि, कांग्रेस फिलहाल इसमें अड़ंगा लगा रही है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा और सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि, बैठक से पहले यह माना जा रहा था कि तेजस्वी यादव को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। लेकिन इस बैठक में सीएम फेस को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई। सिर्फ तेजस्वी यादव को कोऑर्डिनेशन कमिटी का अध्यक्ष बना दिया गया। ऐसे में कांग्रेस ने बाजी को अपने हाथों में कर ली है।
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इससे एक संदेश यह गया है कि गठबंधन में सिर्फ लालू यादव या तेजस्वी यादव की नहीं चलेगी बल्कि कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों पर भी एक अहम जिम्मेदारी होगी। जो सीएम, डिप्टी सीएम और सीट शेयरिंग पर निर्णय लेंगे। कांग्रेस का साफ तौर पर कहना है कि 2025 चुनाव को लेकर सभी निर्णय कोऑर्डिनेशन कमिटी ही करेगी। बैठक में आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल थी।