तकनीक के क्षेत्र में दुनिया काफी तरक्की कर रही है। इसी तरक्की के साथ हथियारों की रेस में भी अलग-अलग प्रयोग हो रहे हैं। 1991 में जब दुनिया में शीत युद्ध खत्म हुआ था तो लोगों को लगा था कि हथियारों की स्पर्धा खत्म हो जाएगी। उस वक्त किसी ने इस बात पर गौर नहीं किया कि शीत युद्ध तो खत्म हो गया है। लेकिन हथियारों को बनाने वाले उनकी फैक्ट्रियां और बाजार खत्म नहीं हुआ है। दुनिया की सबसे सुपर पावर अमेरिका जल, थल और वायु में सबसे खतरनाक हथियारों से सजी सेना है। इस वक्त दुनिया में दो बड़े तनाव फरवरी 2022 से जारी रूस यूक्रेन के बीच का युद्ध, अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ इजरायल और हमास के बीच का विवाद देखने को मिल रहे हैं। इन दोनों ही युद्ध में एक प्लेयर कॉमन है और वो अमेरिका है। अमेरिका की तरफ से रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को रुकवाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। वहीं इजरायल और हमास जंग को लेकर भी ट्रंप की कोशिशें देखी जा रही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यूक्रेन युद्ध हो या इजरायल और हमास के बीच की जंग दोनों से ही लाभ उठाने की कोशिश अमेरिका की तरफ से की जाती रही है।
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जंग से अमेरिका को क्या फायदा
विदेशी सरकारें अमेरिका से दो तरीकों से हथियार खरीद सकती हैं। पहला डायरेक्ट कंपनी से डील कर सकती है। ये तरीका कम पारदर्शी है और इसको लेकर बहुत कम जानकारी पबल्कि डोमेन में आती है। दूसरा तरीका होता है कि डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए रिक्वेस्ट किया जाए। आम तौर पर सरकारें अपने देश में अमेरिकी दूतावास से संपर्क करती हैं और फिर उसके माध्यम से ऑर्डर दिए जाते हैं। एक दौर करने वाली बात ये है कि दोनों ही सूरतों में अमेरिकी सरकार की अनुमति अनिवार्य है।
अमेरिकी रक्षा उद्योग को बढ़ावा
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-22 में अमेरिकी हथियारों का निर्यात वैश्विक कुल का 40 प्रतिशत था और 2013-17 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक था।
2013-17 और 2018-22 के बीच यूएसए के हथियारों के निर्यात में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कुल वैश्विक हथियारों के निर्यात में इसका हिस्सा 33 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। यूएसए ने 2018-22 में 103 राज्यों को प्रमुख हथियार वितरित किए, जो अगले दो सबसे बड़े निर्यातकों के संयुक्त निर्यात के लगभग बराबर है। 2018-22 में इसका कुल हथियार निर्यात था।
किसे हो रहा सबसे ज्यादा फायदा
दुनिया के शीर्ष पांच हथियार निर्माता अमेरिका से हैं, जिनमें लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन, बोइंग, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स सबसे आगे हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि दुनिया के शीर्ष 100 हथियार उत्पादकों में से आधे अमेरिका में ही हैं।
लॉकहीड मार्टिन, रेथॉन, बोइंग और नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन सहित प्रमुख अमेरिकी रक्षा ठेकेदार, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच उसे उच्च मांग वाले और महंगे हथियारों की आपूर्ति करने में सबसे आगे हैं।
युद्ध ने इन कंपनियों के शेयर मूल्यों को काफी हद तक बढ़ा दिया है। लॉकहीड मार्टिन ने अपनी जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों, जिन्हें प्यार से “सेंट जेवलिन” के नाम से जाना जाता है, का उत्पादन 2,100 से बढ़ाकर लगभग 4,000 यूनिट प्रति वर्ष कर दिया है, जो यूक्रेन की रक्षा रणनीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) जैसे उन्नत हथियारों की मांग में वृद्धि, अमेरिकी रक्षा कंपनियों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक लाभ को दर्शाती है।