आज यानी की 01 मार्च को बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि नीतीश कुमार साल 2005 से बिहार की बागडोर संभाले हुए हैं। हालांकि बीच में 20 मई 2014 से लेकर 20 फरवरी 2015 तक नीतीश कुमार की मर्जी से बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बने थे। इससे पहले नीतीश कुमार केंद्र सरकार में रेल समेत कई अन्य अहम महकमों की जिम्मेदारी को संभाल चुके हैं। साल 1977 से नीतीश कुमार ने राजनीति की शुरूआत थी। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर सीएम नीतीश कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
पटना के बख्तियारपुर में 01 मार्च 1951 को नीतीश कुमार का जन्म हुआ था। शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री हासिल की और बिहार राज्य विद्युत बोर्ड में नौकरी पा गए। फिर कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। यह वही दौर था, जब लालू यादव राजनीति में कदम रख रहे थे। इसी समय दोनों का राजनीतिक करियर जनता दल से जुड़ने के बाद परवान चढ़ रहा था।
राजनीतिक शुरूआत
राजनीति की शुरुआत में नीतीश कुमार ने जनता पार्टी के टिकट पर हरनौत सीट से साल 1977 में विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन वह ये चुनाव हार गए और तब निर्दलीय भोला प्रसाद सिंह इस सीट से जीते थे। फिर साल 1980 में वह इसी सीट से जनता पार्टी (सेकुलर) के टिकट पर चुनाव लड़े। इस दौरान वह निर्दलीय अरुण कुमार सिंह से हारे। फिर साल 1985 में उन्होंने कांग्रेस के बृज नंदन प्रसाद सिंह को हराकर विधायक बने। फिर वह जनता दल में शामिल गए।
ऊंचा होता गया नीतीश का कद
फिर साल 1989 जनता दल से ही बाढ़ संसदीय सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे। इस सील पर उन्होंने राम लखन सिंह यादव को चुनाव हराया था। साल 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव जीतकर वह सांसद बने। इसके बाद नीतीश कुमार का राजनीतिक कद बायपेयी की सरकार के दौरान बढ़ा। इस दौरान उन्होंने केंद्र में रेलवे जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद साल 2004 नीतीश कुमार बाढ़ और नालंदा दो सीटों से चुनाव लड़े। इस दौरान नालंदा से वह जीते, लेकिन बाढ़ से हार गए।
बिहार के सीएम बने नीतीश
बिहार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बनाना भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की जिद थी। बिहार में NDA को पहली बार साल 2000 में सरकार बनाने का मौका मिला। तब नीतीश कुमार समता पार्टी के नेता हुआ करते थे। यह चुनाव जनता दल, भाजपा और समता पार्टी के साथ मिलकर लड़ी थी। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 67, समता पार्टी को 34 और जनता दल को 21 सीटें मिली थीं।