Saturday, March 15, 2025
spot_img
Home Blog Page 592

Unhealthy Gut: आंतों में समस्या होने पर शरीर में दिखते हैं ऐसे लक्षण

0

D92bdc69b0e93470ef3def0f82990d15

हमारे पाचन तंत्र में आंतें अहम भूमिका निभाती हैं, इसलिए इसे स्वस्थ रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। कई बार हमें पता ही नहीं चलता कि आंतों में कब दिक्कत आ जाती है क्योंकि हमें इसके बारे में जानकारी नहीं होती। कई बार जब हम अच्छा महसूस नहीं कर रहे होते हैं तो हम इसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं जिससे समस्या और भी बढ़ जाती है। तो आइए डॉ. उदय प्रताप सिंह से जानते हैं कि आंतों के खराब होने पर शरीर में क्या लक्षण दिखने लगते हैं।

आंत्र विकार के लक्षण

1. स्वप्रतिरक्षी रोग

अस्वास्थ्यकर आहार और शरीर में उच्च सूजन के स्तर के कारण क्षतिग्रस्त आंत विभिन्न स्वप्रतिरक्षी रोगों जैसे टाइप 1 मधुमेह, रुमेटी गठिया और सोरायसिस को जन्म दे सकती है। 

2. गैस्ट्रिक समस्याएं

आंतों की समस्या होने पर पेट फूलना, गैस बनना, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, ऐसे में समय रहते इसका इलाज करवाना जरूरी है, अन्यथा इसका दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों पर बुरा असर पड़ सकता है।

3. वजन कम करने में असमर्थता

वजन कम करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए अपनी आंतों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। अगर आंतों में कोई समस्या है, तो वजन घटाने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी, क्योंकि पेट की चर्बी कम करने के लिए पाचन क्रिया का सही होना बहुत जरूरी है।

4. चीनी की लालसा:

अगर आपको मिठाई, कैंडी, केक जैसी अत्यधिक मीठी चीजें खाने और शर्बत पीने की लालसा हो रही है, तो समझ लीजिए कि आपकी आंतों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इसका जल्द से जल्द इलाज कराया जाना चाहिए ताकि बाद में कोई समस्या न हो।

5. कम प्रतिरक्षा

अगर आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर रखना जरूरी है। जब आप सर्दी, खांसी, फ्लू और बुखार से पीड़ित होते हैं, तो संभव है कि आंतों में कोई समस्या हो। 

Gulabi Thandi: गुलाबी ठंडी आपको कर सकती है बीमार, ऐसे करें खुद का और अपने परिवार वालों का बचाव

0

D2c50f726cb7152881478c1dee60d9c8 (2)

विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियाँ मज़बूत रहती हैं। सर्दियों के दौरान इसकी कमी का ख़तरा बच्चों, बुज़ुर्गों और सांवली त्वचा वाले लोगों के साथ-साथ किडनी या लिवर की बीमारी, क्रोहन रोग, सिस्टिक फ़ाइब्रोसिस और सीलिएक रोग के रोगियों में भी होता है। 

वैसे तो विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ भी इससे भरपूर होते हैं। आमतौर पर यह विटामिन डेयरी उत्पादों और मछली में पाया जाता है। लेकिन, अगर आप शाकाहारी या वीगन हैं, तो ये खाद्य पदार्थ आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं-

विटामिन डी की कमी के लक्षण-

मांसपेशियों में कमज़ोरी या ऐंठन

हड्डी में दर्द

थकान महसूस होना

अवसादग्रस्त

सीढ़ियाँ चढ़ने या फर्श से उठने में कठिनाई

लंगड़ाकर चलना

हड्डी में हेयरलाइन फ्रैक्चर

मशरूम

मशरूम विटामिन डी का एक बेहतरीन स्रोत हैं, खासकर जब उन्हें धूप में सुखाया जाता है। वे D2 (एर्गोकैल्सीफेरोल) से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आप उन्हें सलाद, सूप या सब्जियों में शामिल कर सकते हैं।

पालक

पालक एक और पौष्टिक सब्जी है जो विटामिन डी से भरपूर है। इसमें आयरन और कैल्शियम जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं। पालक को सलाद के रूप में कच्चा खाया जा सकता है या पकौड़े बनाकर भी खाया जा सकता है।

केल

केल एक सुपरफूड है, जो विटामिन डी के साथ-साथ कई अन्य विटामिन और खनिजों से भरपूर है। यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। केल को स्टीम करके या सलाद में कच्चा खाया जा सकता है।

नारंगी

संतरे विटामिन सी के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन इनमें विटामिन डी भी होता है। संतरे का जूस पीने से न केवल विटामिन डी मिलता है, बल्कि यह शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है।

ब्रोकोली

ब्रोकली एक क्रूसिफेरस सब्जी है जो विटामिन डी से भरपूर होती है। इसमें फाइबर और अन्य एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं। ब्रोकली को भाप में पकाकर या सलाद में डालकर खाया जा सकता है।

अंडा

अगर आप अंडे खाते हैं, तो आपको विटामिन डी की कमी का खतरा कम होता है। शोध में पाया गया है कि औसतन 2 अंडों में 8.2 mcg विटामिन डी होता है, जो विटामिन डी के अनुशंसित आहार सेवन का 82 प्रतिशत है।  

खून की कमी के कारण पैरों में सूजन क्यों हो जाती है?

0

Leg Swellingngg 768x432.jpg (1)

पैरों में सूजन एक बहुत ही आम समस्या है, जो अक्सर अत्यधिक चलने या खड़े होने के कारण होती है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी का असर भी पैरों में सूजन का कारण बनता है। आइए एक्सपर्ट से जानें कि खून की कमी के कारण पैरों में सूजन क्यों होती है। डॉ। पी वेंकट कृष्णन, सीनियर. आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

खून की कमी के कारण पैरों में सूजन क्यों हो जाती है?

विशेषज्ञों का कहना है कि हीमोग्लोबिन की कमी, जिसे एनीमिया कहा जाता है, शरीर की ऑक्सीजन देने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे पैरों में सूजन हो सकती है, जिसे हम एडिमा के रूप में जानते हैं।
आपको बता दें कि हीमोग्लोबिन रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है और यह फेफड़ों से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। जब हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो शरीर के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इस स्थिति में शरीर कुछ हद तक ऑक्सीजन की कमी की भरपाई करने के लिए तरल पदार्थ जमा करने की कोशिश करता है, जिससे पैरों में सूजन हो सकती है।

खून की कमी से हृदय और किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। जब शरीर में खून कम हो जाता है, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि रक्त में ऑक्सीजन कम होती है। इसके अलावा, गुर्दे तरल पदार्थों को ठीक से फ़िल्टर करने में उतने कुशल नहीं होते हैं। नतीजा यह होता है कि शरीर में अतिरिक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे सूजन हो सकती है, खासकर पैरों में।

कम हीमोग्लोबिन का स्तर रक्त वाहिकाओं के फैलाव का कारण बन सकता है। जब रक्त वाहिकाएं फैलती हैं, तो रक्त वाहिकाओं से आसपास के ऊतकों में तरल पदार्थ का रिसाव होता है, जिससे सूजन हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पैरों में सूजन सिर्फ हीमोग्लोबिन कम होने के कारण नहीं होती, बल्कि कई अन्य कारणों से भी हो सकती है। इसलिए, अगर आपको पैरों में सूजन दिखे तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

कम हीमोग्लोबिन के अन्य लक्षण

  • थकान
  • कमजोरी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • पीला चेहरा
  • ठंडे हाथ और पैर
  • चक्कर आना।

अशोकनगर: देश के कौने-कौने में बिखरे पॉलीटेक्निक के पूर्व तीन सौ छात्र एक मंच पर हुए एकत्रित

0

B72fb4109dad481e515d0806ddb2a113

अशोकनगर, 16 नवम्बर(हि.स.)। पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के पूर्व छात्र सम्मेलन में देश-विदेश में कार्यरत इंजीनियरों ने शामिल होकर महाविद्यालय से जुड़ी यादों को साझा किया। शनिवार को यहां पॉलीटिक्निक महाविद्यालय के निकट गार्डन में आयोजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहराते हुए महाविद्यालय का नाम रोशन करने वाले 300 इंजीनियरों ने भाग लेकर अपने अनुभवों को साझा किया।

सम्मेलन में महाविद्यालय के शुरुआती बैच से लेकर वर्तमान में कॉलेज से निकले विद्यार्थियों ने हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। वर्षों बाद मिले छात्र एक दूसरे से मिलकर खुशी से झूमने लगे। इस मिलन में अपनेपन की खुशबू के साथ ही दोस्ती की महक पूरे वातावरण में छाई रही।

उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा मंडल विभाग प्रमुख वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पॉलीटेक्निक कॉलेज के लिए जो भी जरूरत होगी आप मुझे प्रपोजल भेजें और इस पर तुरंत कार्यवाही होगी। समारोह के प्रथम सत्र में अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह व पंकज दीक्षित की पेंटिंग्स भेंटकर किया गया। उदघाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि जल निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद रघुवंशी और दिल्ली मेट्रो के मुख्य अभियंता प्रवल रघुवंशी थे। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ अभियंता और पॉलिटेक्निक अशोकनगर के पहले बैच (1967 ) के निकले श्याम सिंह रघुवंशी ने की।

कार्यक्रम में स्व.गया प्रसाद शर्मा के बेटे रंगकर्मी प्रमेंद्र शर्मा ने भी अपने विचार रखे। सत्र में डीएन नीखरा, विनय जैन, सरिता जैन और मृगेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार रखे। सत्र का संचालन राकेश शर्मा ने किया। सत्र की शुरुआत में एस के राजोरिया ने स्वागत भाषण दिया।

दूसरे सत्र में कॉलेज भ्रमण कर इंजीनियरों ने अपनी यादें ताजा करते हुए कहा कि हमने जिंदगी के महत्वपूर्ण और यादगार वर्ष इसी महाविद्यालय में गुजारे। परिचय सत्र के दौरान पता चला कि इस महाविद्यालय से निकले छात्रों ने ना सिर्फ इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़े। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर साहित्य, कला और उद्योग के क्षेत्र में भी महाविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया जिसमे पूर्व छात्रों ने जोरदार प्रस्तुतियां दीं।

तीसरा सत्र परिचय सत्र का रहा जिसमें दिल्ली महानगर पालिका के सेवा निवृत मुख्य अभियंता राजेश तनेजा तथा अधीक्षण यंत्री अतुल चतुर्वेदी मुख्य अतिथि थे। इस सत्र में सभी साथियों ने अपना परिचय दिया और उन्हें स्मृतिचिन्ह भेंट किए गए। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ अभियंता भाले राव ने किया। सत्र का संचालन अभय जैन ने किया। अंतिम सत्र सांस्कृतिक सत्र था जो गायन पर केन्द्रित रहा जिसका संचालन और संयोजन राकेश चौबे और राजेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व छात्रों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला।

मतों की गणना में निष्पक्षता और पारदर्शिता बरते अधिकारी व कर्मचारी: जिला निर्वाचन पदाधिकारी

0

6e34b5fccab16de22b9f8fa68067016f

खूंटी, 16 नवंबर (हि.स.)। विधानसभा निर्वाचन चुनाव के मद्देनजर 23 नवंबर को आयोजित होने वाली मतगणना की तैयारियों को लेकर शनिवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त लोकेश मिश्रा द्वारा महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने मतगणना प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

उन्होंने मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने, सभी कर्मचारियों को मतगणना प्रक्रिया का प्रशिक्षण देने समेत कई निर्देश दिये। मतगणना प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों की जानकारी देने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने सभी अधिकारियों से मतगणना प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए समय पर मतगणना प्रारंभ करने का निर्देश दिया। मतगणना के लिए उपयोग में आनेवाली स्टेशनरी सामग्रियों की उपलब्धता एवं गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।

काउंटिंग को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बिरसा कॉलेज में बने काउंटिंग सेंटर पर 23 नवंबर को प्रातः आठ बजे से पोस्टल बैलट से हुए मतदान की काउंटिंग और प्रातः 8.30 बजे से इवीएम के माध्यम से हुए मतदान की काउंटिंग शुरू होगी। इवीएम से हुए मतदान की काउंटिंग के लिए 20-20 टेबल खूंटी विधानसभा क्षेत्र एवं तोरपा विधानसभा क्षेत्र के लिए लगाये जाएंगे।

उन्हाेंने बताया कि पोस्टल बैलट से हुए मतदान की काउंटिंग के लिए 11-11 टेबल खूंटी एवं तोरपा विधानसभा क्षेत्र के लिए लगाये जाएंगे। सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों एवं कर्मियों को ससमय उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि मतगणना कक्ष में किसी भी प्रकार के मोबाइल या इलेट्रॉनिक डिवाइस की अनुमति नही होगी। राजनीतिक पार्टियों को 20 नवम्बर तक अपने मतगणना एजेंट की सूची जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है।

पैनोरमा एडिशन : ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग पर हुआ पूरब और पश्चिम की तहजीबों का मिलन

0

4904ecf96a73fc67110869cb9c942bf9

ग्वालियर, 16 नवंबर (हि.स.)। “सिटी ऑफ म्यूजिक” ग्वालियर का ऐतिहासिक दुर्ग शनिवार की शाम पूरब और पश्चिम की तहजीबों के अद्भुत संगम का साक्षी बना। पश्चिमी देशों से आए कलाकारों और समृद्ध कला संस्कृति को समेटे स्वदेशी यानी भारत के कलाकारों की साझा प्रस्तुतियों से झरे पाश्चात्य एवं ठेठ देशी लोकरंगों से संपूर्ण दुर्ग सराबोर हो गया। मौका था किले के उत्तरी छोर पर स्थित राजपूती आन-बान और शान के प्रतीक जौहर कुंड के समीप सतरंगी रोशनी के साए में सजी अंतरराष्ट्रीय कला उत्सव “पैनोरमा एडिशन” संध्या का। पैनोरमा एडिशन के माध्यम से ग्वालियर-चंबल अंचल की ऐतिहासिक धरोहरों को भी विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों ने देखा।

मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित हुए कला उत्सव “ए स्ट्रीट कार्ट नेम्ड डिजायर” में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने एक नॉन स्टॉप ऑपेरा में पिरोकर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ दीं। इन सबके बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक रंगों ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। पैनोरमा एडिशन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने ओपेरा, शास्त्रीय संगीत, पाश्चात्य व देशी लोक नृत्य सहित अन्य कलात्मक अभिव्यक्तियों की एक विविध श्रृंखला को साकार कर दिया। ग्वालियर में आयोजित हुआ पैनोरमा एडिशन का यह चौथा संस्करण था। इस एडीशन की रचना फिल्म निर्माता सारा सिंह ने की थी।

ग्वालियर के इस “पैनोरमा एडिशन” में विश्व के 15 से अधिक देशों के राजनयिक दूतावासों और सांस्कृतिक केन्द्रों की साझेदारी रही। जिसमें जर्मनी, पॉलैंड, स्पेन, इटली, ग्रीस, हंगरी, स्विटजरलैंड, पुर्तगाल, बैल्जियम, ऑस्ट्रिया, स्वीडन, नीदरलैंड, डैनमार्क, यूक्रेन, ग्वाटेमाला और लिथुआनिया देश शामिल है।

कलाकारों ने बिना कुछ कहे अपनी भाव भंगिमाओं से सबकुछ बयां कर दिया

ग्वालियर किले पर “पैनोरमा एडिशन” की प्रस्तुति की शुरुआत शनिवार की शाम हूलाला नृत्य व भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुमधुर प्रस्तुति के साथ हुई। इसके बाद फ्लेमेंगो डांस व सेक्सोफोनिस्ट सहित अन्य पाश्चात्य व हिन्दुस्तानी प्रस्तुतियों के फ्युजन ने समा बांध दिया। मूलत: एक सायलेंट प्ले के रूप में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने नॉन स्टॉप ओपेरा के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें कलाकारों ने बिना कुछ कहे अपनी भाव भंगिमाओं से सबकुछ बयां कर दिया।

ग्वालियर दुर्ग पर भीमसेन राणा की छत्री, जौहर कुण्ड, जहांगीर महल व कर्ण महल सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के बीच सजी “पैनोरमा एडिशन” की इस संध्या में एक बारगी ऐसा महसूस हुआ, जैसे किले पर किसी मध्यकालीन राजदरबार में संगीत महफिल सजी है। फ्रांस व स्पेन सहित अन्य देशों के राजनयिक व प्रतिनिधिगण इस लाइव प्रदर्शन के प्रत्यक्ष साक्षी बने।

ज्ञात हो कि पैनोरमा एडिशन के पिछले संस्करणों का आयोजन पटियाला, जोधपुर और जैसलमेर के विरासत स्थलों पर किया गया था। यह आयोजन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, ग्वालियर जिला प्रशासन, यूनेस्को, जयविलास पैलेस, राजदूत मोनिका कपिल मोहता और सोपान के सिद्धांत के सहयोग से किया गया।

मतदान पर्यवेक्षकों, मतगणना सहायकों एवं माइक्रो पर्यवेक्षकों को दिया गया मतगणना का ​प्रशिक्षण 

0

F68100ee18f9b9c895e263f6b053e83e

खूंटी, 16 नवंबर (हि.स.)। तोरपा व खूँटी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शनिवार को मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक और माइक्रो ऑबजर्वर को प्रशिक्षित किया गया।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त लोकेश मिश्र की उपस्थिति में एनआइसी खूंटी में ऑनलाइन माध्यम से यह पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हुई। 23 नवम्बर को मतगणना की तिथि निर्धारित है, जिसे देखते हुए निर्वाचन आयोग के एसओपी के अनुरूप मतगणना तिथि से एक सप्ताह पूर्व यह प्रक्रिया सुनिश्चित की गई। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिससे पारदर्शिता बनाए रखते हुए निष्पक्ष और कदाचार मुक्त निर्वाचन से जुड़ी सभी प्रक्रिया को सम्पन्न कराया जा सके।

पकड़े गए सार्वजनिक स्थान पर जाम छलकाने वाले, 35 लोगों का काटा चालान

0

4c4c0976a77c0f7d597a4ea47862d855

हरिद्वार, 16 नवंबर (हि.स.)। थाना श्यामपुर पुलिस ने शराब के जाम छलकाकर लोकशांति भंग करने वालों पर कार्रवाई कर 35 लोगों का चालान किया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा जनपद पुलिस को सड़क किनारे व सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीकर लोकशांति भंग करने वालों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।इसी क्रम में थाना श्यामपुर पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर विभिन्न स्थानों पर शनिवार देर शाम अचानक दबिश दी। मौके पर रोड किनारे शराब पी रहे लोगों को दबोचकर थाने लाया गया और पकड़े गए सभी युवकों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस एक्ट में चालानी कार्रवाई की गई।

थाना प्रभारी नितेश शर्मा ने बताया कि अलग-अलग टीमों द्वारा विभिन्न स्थानों पर की गई इस कार्यवाही की जद में 35 युवक आए। उनसे चलन शुल्क के रूप में 17500 रुपये वसूले गए। पकड़े गए सभी लोगों ने माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की बात कही।

श्यामपुर थाना पुलिस की इस कार्रवाई पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है तो वहीं सड़क किनारे जाम छलकाने वालों के होश भी ठिकाने आ गए हैं।

मेलों और उत्सवों को पूरा प्रोत्साहन देगी राज्य सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

0

14e1d1470aa859bd56bb58100072600b

भोपाल, 16 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार मेलों और उत्सव संस्कृति को प्रोत्साहित करेगी। प्राचीन मेले हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। भोपाल का अपना गौरवशाली इतिहास है। भोपाल में राजा भोज द्वारा निर्मित विशाल सरोवर भी है। सम्राट विक्रमादित्य से भी इस क्षेत्र का संबंध रहा है। तीर्थ मेला प्राधिकरण के माध्यम से मेलों के आयोजन को बढ़ावा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार देर शाम भोपाल के टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में भोपाल मेले का शुभारंभ कर संबोधिम कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन से संबंधित सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में लम्बा समय व्यतीत किया। लोकमाता अहिल्या देवी ने उस दौर में जब मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा था, देव स्थान संस्कृति को स्थापित किया। वीरांगना रानी दुर्गावती का शौर्य, किसी से भी कम नहीं था। उन्होंने निरंतर 51 युद्ध जीते थे और आखिरी 52वें युद्ध में विपरीत परिस्थतियां बन जाने पर पराजय स्वीकार करने की जगह आत्म बलिदान करना उचित समझा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसे राष्ट्रभक्तों और कुशल शासकों का इतिहास समेटे मध्य प्रदेश में अनेक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को समृद्ध और गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी जाती है। मेले और उत्सव आमजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति से लेकर गुड़ी पड़वा, रक्षाबंधन, विजयदशमी पर शस्त्र पूजन और गोवर्धन पूजा जैसे कार्यक्रम सरकार और समाज ने मिलकर मनाए हैं। सरकार आगे भी ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों में सहभागिता करेगी। इस अवसर पर सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल की महापौर मालती राय, नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, गोविंद गोयल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव, शंख वादन की ध्वनियों के बीच जनप्रतिनिधियों के साथ गणेश वंदना में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आकाश में गुब्बारे छोड़कर मेले का शुभारंभ किया। भोपाल उत्सव मेला समिति के अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल ने स्वागत भाषण में कहा कि मेले में व्यापारी बंधु लाभ-हानि की चिंता किए बिना नागरिकों के हित में सहभागिता करते हैं। अग्रवाल ने मेले से संबंधित कुछ सुझाव भी दिए। यह मेला टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में 31 दिसंबर 2024 तक चलेगा।

बाइक के अनियंत्रित होकर पलटने से डेंटल सर्जन की मौत

0

2e5d6c8880d2090552f1a43866e70caf

पलामू, 16 नवंबर (हि.स.)। जिले के तरहसी-पदमा मुख्य पथ पर टिरवा घारो पुल के पास एक मोटरसाइकिल के अनियंत्रित होकर पलटने से उस पर सवार डेंटल सर्जन डॉ उज्ज्वल कुमार शर्मा की मौत हो गई। डॉ उज्जवल रांची से अपने घर तरहसी के सेवती लौट रहे थे। डॉक्टर उज्जवल अपने घर के इकलौते पुत्र थे। उनका भी दाे वर्ष का एक बच्चा है। तीन वर्ष पहले शादी हुई थी।

जानकारी के अनुसार तरहसी में संचालित माता धनेश्वरी हॉस्पिटल के संचालक अरुण शर्मा के पुत्र 32 वर्षीय डॉ उज्जवल कुमार शर्मा शुक्रवार की रात रांची से अपने घर लौट रहे थे। घर पहुंचने से पहले तरहसी-पदमा मुख्य पथ पर टिरवा घारो पुल के समीप विपरीत दिशा से आ रहे दूसरे वाहन की हेड लाइट चेहरे पर पड़ने के कारण डॉक्टर उज्जवल की मोटरसाइकिल गड्ढे में जाकर अनियंत्रित हो गई और पलट गई। इस घटना में डॉक्टर उज्जवल के सिर औऱ सीने में गंभीर चोट आई। उन्हें बेहतर इलाज के लिए मेदिनीनगर के डॉक्टर राहुल अग्रवाल के निजी अस्पताल नारायणा में भर्ती किया गया, जहां से उन्हें इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। रांची ले जाने के क्रम में रास्ते मे शनिवार की तड़के 4 बजे उनकी मौत हो गई।

एमआरएमसीएच में डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया गया और फिर पैतृक गांव लाया गया। दोपहर एक बजे के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार गांव के नदी घाट पर किया गया। पुत्र उत्कर्ष शर्मा(2) ने मुखाग्नि दिया है। डॉ उज्जवल कुमार शर्मा डेंटल सर्जन थे और माता धनेश्वरी हॉस्पिटल में उनके क्लीनिक था। पिता के साथ मिलकर अस्पताल का संचालन करते थे।