अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन को सैन्य सहायता और खुफिया सहायता रोकने के कुछ दिनों बाद अब रूस पर बड़े पैमाने पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाने की संभावना जताई है साथ ही उन्होंने दोनों देशों से शांति समझौते पर बातचीत करने का आह्वान किया है। हम आपको बता दें कि ट्रम्प की बैंकिंग प्रतिबंधों और टैरिफ की धमकी उस रिपोर्ट के बाद सामने आई है जिसमें कहा गया था कि व्हाइट हाउस युद्ध को समाप्त करने और मास्को के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंधों को सुधारने के प्रयास के तहत रूस को संभावित प्रतिबंधों से राहत देने की तैयारी कर रहा था।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, “इस तथ्य के आधार पर कि रूस इस समय युद्ध के मैदान में यूक्रेन की पूरी तरह से ‘पिटाई’ कर रहा है, मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, अन्य प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर दृढ़ता से विचार कर रहा हूं, जब तक कि युद्ध विराम और शांति पर अंतिम समझौता नहीं हो जाता।” हालांकि ट्रम्प ने रूस के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन, अभी बातचीत की मेज पर आ जाओ, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। धन्यवाद!!!
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हम आपको यह भी बता दें कि प्रतिबंध बढ़ाने की चेतावनी के साथ ही ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में अधिक समझौतावादी दृष्टिकोण भी पेश किया है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि रूसी नेता शांति चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि वह इसे रोकना और सुलझाना चाहते हैं और मुझे लगता है कि वह यूक्रेन पर पहले से कहीं अधिक कठोर प्रहार कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर ईमानदारी से कहूं तो मुझे यूक्रेन से निपटना अधिक कठिन लग रहा है। इस बीच, इस तरह की भी रिपोर्टें हैं कि ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ पहले ही रूसी अधिकारियों के साथ व्यापक बातचीत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह तीन साल पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौते की रूपरेखा के लिए यूक्रेन के साथ भी चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि उन्होंने अगले सप्ताह सऊदी अरब में यूक्रेनियों के साथ एक बैठक की योजना बनाई गई है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने भी कहा है कि वह और विदेश मंत्री मार्को रुबियो सऊदी अरब में यूक्रेनियों के साथ बातचीत में शामिल होंगे और उन्हें लगता है कि वे चीजों को वापस पटरी पर लाएँगे। वहीं यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने कहा है कि उन्होंने शुक्रवार को रुबियो के साथ “रचनात्मक बातचीत” की।
वहीं युद्धक्षेत्र की बात करें तो आपको बता दें कि रूसी सेना ने उन हजारों यूक्रेनी सैनिकों को लगभग घेर लिया है, जिन्होंने पिछले साल गर्मियों में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसकर सबको चौंका दिया था। यूक्रेन को लग रहा था कि उसकी सेना की इस बढ़त को देखते हुए मास्को शांति वार्ता करने पर मजबूर होगा लेकिन रूस ने अब उस क्षेत्र में यूक्रेन की बढ़त को पूरी तरह खत्म कर दिया है। मानचित्रों से पता चलता है कि पिछले तीन दिनों में कुर्स्क में यूक्रेन की स्थिति तेजी से खराब हुई है। रूसी जवाबी हमले ने यूक्रेनी सेना को बड़ा नुकसान पहुँचाया है और उसकी मुख्य आपूर्ति लाइनों को भी ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस समय कुर्स्क में यूक्रेन के लिए स्थिति बहुत ख़राब है। रूसी सेना ने यूक्रेन के अंदर ऊर्जा और गैस के बुनियादी ढांचे को भी रात भर में क्षतिग्रस्त कर दिया है। देखा जाये तो यह अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगाने के बाद से रूस का पहला बड़ा मिसाइल हमला था। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में एक बच्चे सहित दस लोग घायल हो गए।
हम आपको बता दें कि रूस के पास यूक्रेन के लगभग पाँचवें हिस्से पर कब्ज़ा है, जिसमें क्रीमिया भी शामिल है जिसे उसने 2014 में अपने कब्ज़े में ले लिया था। रूस की सेनाएँ पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रही हैं। कीव किसी भी शांति समझौते के लिए मज़बूत सुरक्षा गारंटी के लिए दबाव बना रहा है, लेकिन अमेरिका ने संभावित महत्वपूर्ण खनिज समझौते की ओर इशारा करते हुए प्रतिबद्धता जताने से इंकार कर दिया है। ज़ेलेंस्की ने अभी तक खनिज समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और एक हफ़्ते पहले वह ट्रंप के साथ सार्वजनिक रूप से भिड़ गए थे।
दूसरी ओर, रूस-यूक्रेन संघर्ष को हल करने और स्थायी शांति बहाल करने के कई प्रयासों के बीच, भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि मॉस्को वार्ता के लिए ‘त्रिपक्षीय बैठक’ करने के लिए तैयार है। उन्होंने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन, अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में संघर्ष को रोकने की दिशा में ‘सही संकेत’ प्रदर्शित कर रहा है। संघर्ष को समाप्त करने के इरादे को दर्शाने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर, राजदूत ने रूस के दृष्टिकोण से स्थिति की व्यापक रूपरेखा पेश करनी चाही। उन्होंने कहा कि हम यह युद्ध जीत रहे हैं, फिर भी हम शांति समझौते के लिए तैयार हैं। हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इस समय यूरोप और यूक्रेन इसमें बाधा बन रहे हैं।