Thursday, April 17, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयSP नेता विनय शंकर तिवारी, अजीत पांडे को झटका, कोर्ट ने 11...

SP नेता विनय शंकर तिवारी, अजीत पांडे को झटका, कोर्ट ने 11 अप्रैल तक ED कस्टडी में भेजा

कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता विनय शंकर तिवारी, अजीत पांडे को 11 अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में भेज दिया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी और चिल्लूपार से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को 754.24 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में लखनऊ में गिरफ्तार किया। विनय शंकर तिवारी पूर्व मंत्री और गोरखपुर के कद्दावर नेता दिवंगत हरि शंकर तिवारी के बेटे हैं। उन्होंने बसपा के टिकट पर चुने जाने के बाद गोरखपुर में अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र चिल्लूपार का प्रतिनिधित्व किया। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए। ईडी की जांच में पता चला है कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड नामक कंपनी, उसके प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के संघ से 1,129.44 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा का लाभ उठाया। बाद में इस राशि को अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया और ऋण नहीं चुकाया गया।

इसे भी पढ़ें: IPL 2025: लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए आई गुड न्यूज, जल्द टीम में लौटेंगे मयंक यादव

इससे कथित तौर पर कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। तिवारी को भ्रष्टाचार निरोधक विशेष न्यायाधीश राहुल प्रकाश की अदालत में पेश किया गया और 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने तिवारी की रिमांड भी मांगी, जिसे मंगलवार को लिया जाएगा। केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार सुबह सपा पदाधिकारी से जुड़े देश भर के 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी करने के बाद तिवारी के सहयोगी अजीत पांडे को भी महाराजगंज से गिरफ्तार किया। अजीत गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड कंपनी का प्रमोटर है। छापेमारी गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा, महाराजगंज, दिल्ली और मुंबई में की गई।

इसे भी पढ़ें: LSG vs MI: दिग्वेश राठी ने दोहराया नोटबुक सेलिब्रेशन, गेंदबाज को नहीं BCCI का डर, लगेगा बैन!

ईडी की यह कार्रवाई अक्टूबर 2020 में गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड और इसके प्रमुख हितधारकों के खिलाफ नई दिल्ली में सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एक मामले के बाद हुई है। सीबीआई की दिल्ली इकाई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में इसके निदेशकों – विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता और अजीत पांडे का नाम है। जांच से पता चला कि क्रेडिट सुविधाओं का भुगतान नहीं किया गया था और बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन करते हुए फर्म और उसके प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों द्वारा डायवर्ट और गबन किया गया था। सूत्रों ने कहा कि ऋण सुरक्षित करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था और बाद में कंपनी ने भुगतान में चूक की।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments