सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीजी मेडिकल सीटों में डोमिसाइल आधारित रिजर्वेशन असंवैधानिक है। आरजी कर मामले में विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत। तीन तलाक कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अब तक दर्ज मामलों की लिस्ट मांगी। दिल्ली दंगों के आरोपी को चुनाव प्रचार के लिए मिली पैरोल। इस सप्ताह यानी 27 जनवरी से 1 फरवरी 2025 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
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NEET-PG में डोमिसाइल कोटा नहीं, सभी सीटें मेरिट पर भरी जाएं
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक फैसले में कहा है कि पीजी मेडिकल सीटों में डोमिसाइल (मूल निवासी) पर आधारित रिजर्वेशन असंवैधानिक है सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय 2019 में दाखिल एक याचिक पर दिया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टि सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भाटी की बेंच कहा कि राज्य कोटे सहित सभी सीटें नीट (NEET परीक्षा में प्राप्त मेरिट के आधार पर भरी जानी चाहिए। बेंच ने कहा कि भारत की सीमा के भीतर हम स मूल निवासी हैं। ऐसा कुछ नहीं है जिसे राज्य अधिवा (डोमिसाइल) कहा जाए। हमें भारत के किसी भी हिस में कहीं भी रहने का अधिकार है। पेशा और बिजनेस चुन का अधिकार है। संविधान देश के किसी भी भाग में एजुकेशनल संस्थान में दाखिला लेने का अधिकार प्रदान करता है।
प्रदर्शन में शामिल रहे डॉक्टरों की गैरहाज़िरी छुट्टी न मानी जाए
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को AIIMS दिल्ली सहित विभिन्न अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे आरजी कर मामले में कई दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों की गैरहाजिरी को रेगुलराइज करें। इसे ड्यूटी से छुट्टी नहीं माना जाए। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने डॉक्टरों के संगठन की दलीलों पर सुनवाई की। इनमें बताया गया कि कुछ अस्पतालों ने शीर्ष अदालत के 22 अगस्त 2024 के आदेश के बाद डॉक्टरों की गैरहाजिरी को रेगुलराइज कर दिया है, लेकिन एम्स दिल्ली सहित कुछ अन्य अस्पतालों ने इसे छुट्टी के रूप में दर्ज किया है।
तीन तलाक मामले में अब तक कितनी हुई FIR?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को तीन तलाक की घोषणा के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत दर्ज आपराधिक मामलों के बारे में डेटा प्रदान करने का निर्देश दिया। अदालत 2019 अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले मुस्लिम संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने 1991 के मुस्लिम महिला (विवाह में अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 12 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए लंबित तीन तलाक के मामलों और इससे पहले लंबित किसी भी चुनौती के बारे में भी पूछा।
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SC से ताहिर हुसैन को मिली कस्टडी पैरोल
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन को दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल दे दी। कोर्ट ने 2020 दंगों के आरोपियों को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक 12 घंटे के लिए जेल से बाहर आकर प्रचार करने की इजाजत दी है। कोर्ट ने कस्टडी पैरोल के लिए हुसैन पर शर्तें रखीं हैं। वह दो पुलिस कर्मियों, जेल वैन और एस्कॉर्ट वाहन का खर्च वहन करेंगे। अदालत ने उन्हें दो दिन की अग्रिम राशि जमा करने का निर्देश दिया, जो 2 दिनों के लिए 2,07,429 रुपये है। अदालत ने उन्हें अपने पार्टी कार्यालय का दौरा करने और निर्वाचन क्षेत्र के भीतर मतदाताओं के साथ बैठकें करने की अनुमति दी, लेकिन वह करावल नगर स्थित अपने घर नहीं जाएंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में अपशिष्ट प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी मांगी
दिल्ली हाई कोर्ट ने डीएसआईडीसी से यमुना में छोड़े जाने वाले अशोधित जल संबंधी प्रतिबंधों के बारे में जानकारी मांगी है और यह भी बताने को कहा है कि क्या सभी उद्योग इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ ने दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईडीसी) को एक हलफनामा दाखिल कर उसके द्वारा स्थापित और निगरानी में रखे गए किसी भी सामान्य अपशिष्ट शोधन संयंत्र (सीईटीपी) का ब्योरा देने का निर्देश दिया तथा यह भी बताने को कहा कि क्या और इकाइयों की आवश्यकता है। अदालत राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी और उसने घरेलू और आवासीय क्षेत्रों के लिए 37 सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) की स्थिति पर गौर किया तथा कहा कि ऐसे 11 संयंत्रों में ‘फ्लो मीटर’ लगाने में देरी से ‘‘असंतोषजनक स्थिति’’ उजागर होती है।