Saturday, May 18, 2024
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Ghaziabad: GDA और बिल्डर के भ्रष्टाचार की भेट चढ़ी मासूम महिला, मौत के 7 दिन बाद भी नही लिखी गई FIR, क्या दबंग बिल्डर के आगे बेबस है योगी की पुलिस?

एक तरफ देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अगले महीने देश का 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा। वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली से सटे हुए गाजियाबाद के साहिबाबाद में भू माफिया, स्थानीय नेता और पुलिस की सांठ–गांठ से एक मासूम पिछड़ा वर्ग की महिला मजदूर की मौत को इस कदर दबाया जा रहा है कि महिला की मौत के 7 दिन बीत जाने के बाद भी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। महिला का पति इंसाफ के लिए दर–दर भटक रहा है लेकिन कोई उस गरीब की सुनने वाला नहीं है।

इस गरीब मजदूर की शायद इतनी गलती थी कि वह अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने के लिए अपने परिवार के साथ मध्यप्रदेश के छत्तरपुर से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद चला आया, इस गरीब इंसान की यह भी गलती रही कि उसने इस्तेहारों, बड़े–बड़े होर्डिंगो और देश के मुख्य न्यूज चैनलों द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास एवम सुशासन के नारे को ज्यादा गंभीरता से ले लिया। क्योंकि वह मजदूर नहीं जानता था कि सूबे के मुख्यमंत्री के नारे में से सुशासन शब्द का अर्थ गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस अधीक्षक अजय मिश्रा के पुलिस अधिकारी नहीं जानते हैं। गाजियाबाद का प्रशासन इतना कठोर और संवेदनहीन हो चुका है कि उन्हें एक पिछड़ा वर्ग की गरीब महिला की लाश, गरीब के आंसू और उसके बच्चों की पीढ़ा नहीं दिखाई दे रही। या यह कहें कि गाजियाबाद में पुलिस भू माफिया और दबंगों के आगे बेबस है।

क्या है पूरा मामला?

राम दास कुशवाहा अपने परिवार के साथ गाजियाबाद के साहिबाबाद स्तिथ राजेंद्र नगर के सेक्टर पांच के बिल्डिंग नंबर 131 की ग्राउंड फ्लोर में पिछले पांच साल से रहता है। राम दास के परिवार में उनकी पत्नी भगवती (34) व दो बच्चों हैं। राम दास का बड़ा लड़का दिमागी रूप से कमजोर है। जिस कारण बच्चे की दवाएं, पढ़ाई–लिखाई और घर की जरुरत पूरी करने के लिए राम दास कुशवाह और उसकी पत्नी भगवती कुशवाह दोनों काम करते थे। राम दास जिस बिल्डिंग में रहता था उसी बिल्डिंग में चौकीदार की नौकरी करता था और उसकी पत्नी भगवती मजदूरी व बेलदारी का काम करती थी।

कुछ समय से भगवती कुशवाहा साहिबाबाद के ही गणेश पूरी स्तिथ प्लॉट नंबर सी–344 में मजदूरी का काम कर रही थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह प्लॉट एक 50 गज का प्लॉट है जो की GDA से स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध जाकर बिल्डर हेमराज बग्गा द्वारा बनवाया जा रहा है। करीब 3–4 महीने पहले तय सीमा से ज्यादा ऊंचा बनाने के कारण बिल्डिंग में क्रैक आ गया था और बिल्डिंग एक तरफ झुक गई थी जिसकी वजह से बड़ा हादसा भी हो सकता था। लेकिन बिल्डर द्वारा स्थानीय पुलिस व गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारियों से मिलकर ऐसी सांठ–गांठ करी की जिस बिल्डिंग पर GDA के अधिकारियों और पुलिस विभाग को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए थी उस बिल्डिंग को सील किया जाना चाहिए था उसको नजर अंदाज किया गया, जिसका भुगतान 2 बच्चों की मां को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

राम दास ने बताया कि रोज की तरहां 17 जुलाई 2023 को भी उसकी पत्नी भगवती मजदूरी का काम करने गणेश पूरी की निर्माणधीन बिल्डिंग साइट सी–344 में गई थी। शाम 5:45 बजे साइट से मिस्ट्री रविंद्र का फोन आता है और वह कहता है कि “तुम्हारी घरवाली को लाईट लग गई (बिजली का करंट), GTB हॉस्पिटल आ जाओ”। आनन–फानन में राम दास GTB हॉस्पिटल दिलशाद गार्डन दिल्ली के लिए निकलता है तभी बिल्डिंग के मालिक हेमराज बग्गा का फोन आता है और बग्गा कहता है कि “तुम्हारी बीवी को करंट लग गया गिर कर मर गई GTB आ जाओ” बस इतना कहकर फोन काट देता है।

किसी तरहां राम दास कुशवाह अपने साले रत्न के साथ रत्न के e-riksaw से GTB हॉस्पिटल का पूछता पछता हॉस्पिटल पहुंचता है तो फिर से बिल्डिंग मालिक हेमराज बग्गा का फोन आता है इस बार बग्गा कहता है कि “तुम्हारी बीवी इमरजेंसी में है यहां आ जाओ”। जब राम दास GTB हॉस्पिटल के इमरजेंसी में जाता है तो देखता है कि उसकी पत्नी की लाश खून से लथपत स्ट्रेचर पर पड़ी है और स्ट्रचर के पास बिल्डिंग मालिक हेमराज बग्गा व मिस्ट्री रविंद्र खड़ा है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस जगह यह हादसा हुआ वह जगह उत्तर प्रदेश में आती है लेकिन फिर भी बिल्डिंग मालिक द्वारा जानें किस मंशा से महिला को 10–12 किलोमीटर दूर दिल्ली में भर्ती कराया गया जहां पर महिला को मृत घोषित कर दिया गया। बिल्डिंग मालिक द्वारा जान बूझ कर स्थानीय पुलिस स्टेशन या UP Dial 112 पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करके सूचना नहीं दी गई। बिल्डिंग मालिक द्वारा जानबूझ कर GTB हॉस्पिटल में लाश को लाने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी देने पर मृतका के भाई (राम दास के साले) रत्न का नाम और महीनों पहले बंद हो चुका मोबाइल नंबर लिखवाकर हॉस्पिटल को भी गुमराह किया गया। क्योंकि मृतका का भाई तो राम दास के साथ बिल्डिंग मालिक बग्गा और मिस्ट्री रविंद्र द्वारा GTB में लाश लाने के तकरीबन आधा घंटे बाद पहुंचा था।

बिल्डिंग मालिक हेमराज बग्गा द्वारा पहले तो मृतका के पति को GTB हॉस्पिटल में दस हजार रुपए लेकर चुपचाप अपनी पत्नी की लाश लेकर मध्य प्रदेश अपने गांव ले जाने का दवाब बनाया गया लेकिन जब राम दास नही माना और कानूनी तौर पर इस घटना की जांच कराने के लिय कहा तो बिल्डिंग मालिक हेमराज बग्गा और मिस्त्री रविंद्र अस्पताल से गायब हो गए।

इंडिया लाइव बुलेटिन द्वारा जब खबर को मुखरता से चलाया गया तो फिर एक दिन बाद 18 जुलाई 2023 को जनकपूरी के स्थानीय पार्षद और हेमराज बग्गा की तरफ से कुछ लोगों ने रामदास कुशवाहा को अपने पास बुलाया जहां रात 9 बजे तक हेमराज को एक लाख रुपए लेकर मामले को रफा–दफा करने के लिए दवाब बनाया गया साथ ही बात ना मानने पर उसको जेल करवाने और अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। लेकिन रामदास कुशवाहा फिर भी ना पैसों के लालच न ही धमकी से डरा और वहां से निकल आया।

बेचारे रामदास को क्या पता था कि जिस गाजियाबाद पुलिस से वह निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रहा है वह निष्पक्ष जांच तो दूर रामदास की शिकायत भी नही लिखेगी। महिला की मौत के 7 दिन बीत चुके हैं मृतक महिला का पति इंसाफ के लिए दर–दर भटक रहा है। घटना के 24 घंटे बाद जब इंडिया लाइव बुलेटिन द्वारा शालीमार गार्डन थाना इंचार्ज SHO रवि शंकर पांडे से घटना के विषय में जानकारी लेनी चाही तो उनका कहना था कि उनके थाने में इस तरहां की कोई सूचना ही नही है।

हमारा सवाल गाजियाबाद पुलिस से है कि ऐसा कैसे मुमकिन है कि किसी रिहायशी इलाके के व्यस्त मोहल्ले में एक महिला दिन दहाड़े दूसरी मंजिल से गिर कर मर जाती है और वहां के बीट ऑफिसर, वहां के थाने को 24 घंटे बाद भी कोई जानकारी क्यों नहीं लगी?

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मासूम

साहिबाबाद के हिंडन पार इलाके में GDA की सांठ–गांठ से धड़ल्ले से नक्शे के विरुद्ध लेंटर पर लेंटर चढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों की कुछ अधिकारी खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए वही सरकारी तंत्र को उलझाने के लिए अवैध निर्माण पर मुकदमा तो पंजीकृत कराया जाता है लेकिन उस पर कार्यवाही करने के नाम पर जेई और ए.ई समेत तमाम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के कर्मचारी साफ तौर पर बचते नजर आते हैं।

ऐसी ही एक अवैध निर्माणधीन बिल्डिंग से 17 जुलाई 2023 को गिरकर 34 वर्षीय महिला की मौत हो जाती है। महिला की मौत का जितना जिम्मेदार उस अवैध निर्माणधीन बिल्डिंग को बनवा रहा बिल्डर है, उतना ही जिम्मेदार उस अवैध निर्माणधीन बिल्डिंग को NOC देने वाले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारी हैं, और विद्युत विभाग के अधिकारी भी है।

एक बार फिर सिस्टम से हार गई गरीबी

20 जुलाई 2023 को आखिरकार पूंजीपतियों, दबंगों और सिस्टम के नकारापन के सामने रामदास की हिम्मत जवाब दे गई उस व्यक्ति के पास इतना भी पैसा नही था कि वह अपनी पत्नी का पार्थिक शरीर अपने पैतृक गांव ले जा सके। जाते–जाते भी राम दास ने इस बेहरे हो चुके सिस्टम को अपनी आवाज सुनाने की बहुत कोशिश करी, लेकिन किसी ने रामदास की आवाज नहीं सुनी।

समाज सेवी और पेशे से वकील शिवानी गुप्ता जो लगातार इस घटना में रामदास की मदद कर रहीं हैं उन्होंने इंडिया लाइव बुलेटिन को बताया कि उनके द्वारा गाजियाबाद के भाजपा से सांसद जनरल वीके सिंह के आवास पर फोन करके एवम् साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के कार्यालय पर जाकर भी सूचना दी लेकिन कहीं से कोई कार्यवाही नहीं हुई। अंत में 20 जुलाई को रामदास सिस्टम की उदासीनता से हार कर अपनी पत्नी के पार्थिक शरीर को लेकर अपने पैतृक गांव मध्यप्रदेश के छतरपुर चला गया।

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