Saturday, May 18, 2024
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हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गाजियाबाद पुलिस ने अलीगढ़ जाने से रोका, राम बारात में हुए पथराव में घायलों से मिलने जा रहे थे पिंकी चौधरी

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दीपांशु सखूजा। बुधवार को हिन्दू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी और अन्य कार्यकर्ताओं के चंडौस अलीगढ़ जाने की सूचना प्राप्त होते ही गाजियाबाद पुलिस प्रशासन द्वारा पिंकी चौधरी और अन्य कार्यकर्ताओं को गाजियाबाद के शालीमार गार्डन स्तिथ कार्यालय पर ही रोक दिया गया।

थाना शालीमार गार्डन पुलिस द्वारा हिंदू रक्षा दल के कार्यालय पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई जिसके बाद भी हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता और अध्यक्ष पिंकी चौधरी अलीगढ़ जाने की जिद पर अड़े रहे। इस बीच पिंकी चौधरी ने कहा कि “चंडौस अलीगढ़ में हमारी श्री राम बारात पर जिहादी किस्म के लोगो द्वारा पथराव और मारपीट की गई है 2 लड़के अलीगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती है लेकिन अलीगढ़ के पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही की गई है जिससे समस्त हिन्दू समाज और कार्यकर्ताओं में काफी रोष व्याप्त है।”

कानूनी सलाहकार संकेत कटारा एडवोकेट ने कहा कि “हम अपने परिवारों से मिलने जा रहे है ना की कोई कानून व्यवस्था खराब करने लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन हमको अलीगढ़ न जाने देना प्रशासन की मनमानी है।”

शालीमार गार्डन के एसीपी सूर्यबली द्वारा पिंकी चौधरी की चंदौस के सीओ से वार्ता करने और सीओ द्वारा ठोस कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता शांत हुए। मौके पर पिंकी चौधरी द्वारा एसीपी सूर्यबली को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन सौंप कर चंडौस में राम बारात के दौरान हुई पत्थरबाजी और मार पीट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करी।

अलीगढ़ जाने से रोके गए पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में गौरव शिशोदिया, श्रवण चंदेल, उजाला मालिक, वरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।

आजम खां को पत्नी और बेटे समेत सात साल की जेल, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामला

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उत्तर प्रदेश के रामपुर की एक अदालत ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व मंत्री आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को वर्ष 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की जेल की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया, “एमपी—एमएलए अदालत के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को सात साल कैद की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। फैसले के बाद, तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया गया।”

सजा सुनाए जाने के बाद बाहर निकले आजम खां से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘‘आज फैसला हुआ है, फैसले में और इंसाफ में फर्क होता है।’’ अभियोजन पक्ष के वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि रामपुर से मौजूदा भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी 2019 को गंज पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि इसमें आरोप लगाया गया था कि आज़म खां और उनकी पत्नी तजीन ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम को दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद की थी। उन्होंने बताया कि इसमें आरोप लगाया गया है कि इनमें से एक प्रमाणपत्र लखनऊ से जबकि दूसरा रामपुर से बनवाया गया था।

सक्सेना ने बताया कि आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 बताई गई थी जबकि वहीं दूसरे प्रमाण पत्र से पता चला कि उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार सीट से जीतने वाले अब्दुल्ला को वर्ष 2008 में एक लोक सेवक को गलत तरीके से रोकने के लिए उस पर हमला करने के आरोप में मुरादाबाद की एक अदालत ने पहले ही दोषी ठहराया था। इस साल फरवरी में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद अब्दुल्ला को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला ने अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिये उच्च न्यायालय में अपील की थी जिसे नामंजूर कर दिया गया था। अदालत के निर्णय के बाद आजम, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को अदालत से सीधे जेल ले जाया गया। रामपुर जेल के मुख्य द्वार के सामने आजम ने संवाददाताओं से कहा, ”पूरे शहर को मालूम था कि क्या फैसला होना है। आपके चैनल पर भी चल रहा था की कितनी सजा होनी है, शायद आपने फैसला पढ़ लिया होगा। हमें आज पता चला है।” जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) 1951 के प्रावधानों के तहत दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी।

मामले के वादी रामपुर से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने अदालत के निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि अन्याय के खिलाफ जंग आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आजम खां को बेटे अब्दुल्ला को विधायक बनाने की जिद उनके लिये नुकसानदेह साबित हो गयी। बचाव पक्ष की ओर से 19 गवाह पेश किये गये लेकिन अदालत में उनके बयान सही साबित नहीं हो सके।

देश में क्या समलैंगिक विवाह को मिलेगी मान्यता? इस पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट से आज एक अहम फैसला आने वाला है। कोर्ट आज समलैंगिक विवाह की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। सेम सेक्स मैरिज का केंद्र सरकार ने कोर्ट में विरोध किया है। सरकार ने कोर्ट में कहा कि समलैंगिक विवाह की मांग शहरों में रहने वाले एलीट क्लास के लोगों की है।

दुनिया के कुछ देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी जा चुकी है। भारत में समलैंगिक विवाह को वैध करने की मांग काफी लंबे समय से उठ रही है। 2018 में भारत में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था। अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है कि क्या ऐसे जोड़ों को शादी का अधिकार भी मिलेगा या नहीं? इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में करीब 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल महीने से इस मामले की सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने 10 दिन की सुनवाई के बाद इसी साल 11 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केंद्र सरकार समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए बुनियादी सामाजिक लाभों के संबंध में कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह समलैंगिक जोड़ों को उनकी वैवाहिक स्थिति की कानूनी मान्यता के बिना भी संयुक्त बैंक खाते या बीमा पॉलिसियों में भागीदार को नामांकित करने जैसे बुनियादी सामाजिक लाभ देने का एक तरीका ढूंढे। राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का विरोध किया है, जबकि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और सिक्किम सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर “बहुत गहन और व्यापक बहस” की जरूरत है और तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती।

समलैंगिक विवाह वैधता दी गई तो क्या होगा?
देश में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली तो जिन कागजातों पर जीवनसाथी का जिक्र होगा, वहां उन्हें पूरे अधिकार मिल सकते हैं। यही नहीं एलजीबीटीक्यू समुदाय से आने वालों को बच्चा गोद लेने, विरासत से जुड़े अधिकार, पेंशन और ग्रेच्यूटी से जुड़े अधिकार भी मिल सकेंगे।

इससे पहले समलैंगिकता के अपराध की श्रेणी से हटने के बाद देश में कई बीमा कंपनियों ने LGBTQ के लिए स्वास्थ्य बीमा समेत अन्य बीमाओं की सुविधा उपलब्ध कराई है। अब अगर समलैंगिकों को विवाह का अधिकार मिलता है तो उनके लिए सभी तरह के बीमा अपग्रेड हो सकेंगे।

समलैंगिक विवाह किन देशों में है वैध?

अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 26 जून 2015 को समलैंगिक विवाह को देशभर में वैध कर दिया गया था।

जर्मनी में 1 अक्टूबर 2017 से समलैंगिक विवाह वैध है।

फ्रांस में 18 मई 2013 से समलैंगिक विवाह वैध है।

कनाडा ने 20 जुलाई 2005 को देशभर में समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया था।

यूनाइटेड किंगडम में समलैंगिक विवाह वैध है। इसे मार्च 2014 से इंग्लैंड और वेल्स में, दिसंबर 2014 से स्कॉटलैंड में और जनवरी 2020 से उत्तरी आयरलैंड में वैध किया गया।

रूस में समलैंगिक विवाह वैध नहीं है देश ने एलजीबीटीक्यू के अधिकारों को प्रतिबंधित करने वाले कानून बनाए हैं।

इटली में समलैंगिक विवाह वैध नहीं है। हालांकि, 2016 में देश में समलैंगिक लोगों के संघों को वैध कर दिया गया, जिससे ऐसे जोड़ों को कुछ कानूनी मान्यता मिली हुई है।

गाजा में इजराइल के हमले के बाद फंसे हुए भारतीय वहां से निकालने की लगा रहे गुहार

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गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर इजराइल द्वारा लगातार की जा रही बमबारी के बीच वहां रह रहे भारतीयों को अपनी जान का डर सता रहा है। गाजा में अपने परिवार के साथ रह रही एक भारतीय महिला ने मंगलवार को युद्धग्रस्त हमास शासित इलाके से तत्काल सुरक्षित निकासी की मांग की।

गाजा में रह रहीं भारतीय लुबना नजीर शब्बू ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम यहां एक भीषण और क्रूर युद्ध का सामना कर रहे हैं और कुछ ही सेकंड में बमबारी में सब कुछ नष्ट हो जा रहा है। हम इस संघर्ष की कीमत चुका रहे हैं क्योंकि आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।’’ लुबना नजीर शब्बू मूल रूप से भारत के जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हैं।

इजराइल-हमास संघर्ष बीते चार दिन से जारी है और इसमें अब तक दोनों पक्षों के कम से कम 1,600 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से गाजा में 788 लोगों की मौत हुई है जबकि 4,100 लोग घायल हुए हैं।

हमास के आतंकवादियों ने शनिवार को सुबह इजराइल के दक्षिणी इलाकों में भीषण हमले किए थे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में इजराइल की सेना ने गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर भीषण हमले शुरू कर दिए हैं। लुबना नजीर शब्बू ने कहा, ‘‘बमबारी की आवाजें बहुत डरावनी होती हैं और पूरा घर हिल जाता है। यह बहुत ही भयावह स्थिति है। ’’

गाजा में अपने पति नेडाल टोमन और सबसे छोटी बेटी करीमा के साथ रह रहीं लुबना ने कहा कि बिजली के अलावा पानी की आपूर्ति भी आधिकारिक तौर पर काट दी गई है। उनके दो बच्चे मिस्र की राजधानी काहिरा में पढ़ाई करते हैं।

लुबना ने कहा, ‘‘ हम कहीं भी नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि हमारे लिए कहीं भी कोई सुरक्षित जगह नहीं है। गाजा पट्टी बहुत छोटी है और हर तरफ से बंद है। यहां पर कोई निकास बिंदु नहीं हैं। ’’

लुबना ने कहा, ‘‘ हम कहीं भी नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि हमारे लिए कहीं भी कोई सुरक्षित जगह नहीं है। गाजा पट्टी बहुत छोटी है और हर तरफ से बंद है। यहां पर कोई निकास बिंदु नहीं हैं। ’’

लुबना ने पीटीआई-भाषा को दिए एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ मैंने पहले ही रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से मदद मांगी है ताकि मुझे अपने पति और बेटी के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने में मदद मिल सके।’’

रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि वे संपर्क में हैं और सभी भारतीयों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मौजूदा जमीनी हालात बेहद मुश्किल हैं।

रेपो रेट पर आरबीआई गवर्नर ने किया बड़ा ऐलान- 6.5% की दर पर रखा गया बरकरार, वृद्धि दर के अनुमान में भी बदलाव नहीं

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।’’

रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है। एमपीसी मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी।

आरबीआई ने अगस्त, जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था।

इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

गाजियाबादः हिन्दू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी पर लगा गुंडा एक्ट, हिस्ट्रीशीटर बनाने की तैयारी

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हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी उर्फ पिंकी चौधरी पर गाजियाबाद पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गई है। पिंकी चौधरी पर यह कार्रवाई हिंदू धर्म के लिए आपत्तिजनक शब्द बोलने को लेकर हुई है। बीते दो दिनों में पिंकी चौधरी पर तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब उसके खिलाफ थाना साहिबाबाद में यूपी गुंडा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल, 23 सितंबर को शालीमार गार्डन थाना क्षेत्र में नाले में गोवंश के अवशेष मिले थे।अवशेष मिलने की सूचना पर पिंकी चौधरी अपने समर्थकों सहित मौके पर पहुंचा थे। यहां वह पिंकी चौधरी द्वारा हिन्दुओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। शालीमार गार्डन थाना पुलिस ने इस मामले में शिकायत पर 2 अक्टूबर को पिंकी चौधरी पर एफआईआर दर्ज की।

इसके बाद उसी 2 अक्टूबर को राजनगर एक्सटेंशन में पुलिस द्वारा ‘जय माता दी’ स्टीकर लगे एक वाहन का चालान काटने पर हिन्दू रक्षा दल ने हंगामा किया और धरना दिया। वहां भी पिंकी चौधरी ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी से अभद्रता की और उसका मोबाइल छीनने का भी प्रयास किया। इस मामले में हेड कांस्टेबल दिनेश कुमार ने थाना नंदग्राम में भूपेंद्र चौधरी उर्फ पिंकी भैया और 10-12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

अब 3 अक्टूबर को साहिबाबाद पुलिस ने पिंकी चौधरी के खिलाफ गुंडा एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसमें पुराने चार मुकदमों का हवाला दिया गया है, जो अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। डीसीपी शुभम पटेल ने बताया कि पिंकी चौधरी पर पूर्व में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। इस आधार पर उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है।

पिंकी के समर्थन में कूदे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद

जहां एक तरफ गुंडा एक्ट लगाने के बाद पुलिस ने अब पिंकी चौधरी को हिस्ट्रीशीटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है तो वहीं, पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद पिंकी चौधरी के समर्थन में कूद गए हैं। पिंकी चौधरी पर कार्रवाई करने पर उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।

अपनी भड़काऊ बयानबाजी और गतिविधियों से चर्चा में रहने वाले पिंकी चौधरी पर पुलिस ने शिकंजा और कड़ा कर दिया है। पुलिस ने अब पिंकी चौधरी की हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पिंकी चौधरी की हिस्ट्रीशीट खोलने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

कौन है पिंकी चौधरी?

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के रहने वाले पिंकी चौधरी का असली नाम भूपेंद्र तोमर है, लेकिन राजनीतिक की दुनिया में उन्हें भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी या पिंकी भैया के नाम से जाना जाता है।

हिंदू रक्षा दल से भी जुड़ा है पिंकी

बता दें कि पिंकी चौधरी हिंदू रक्षा दल नाम के एक संगठन से जुड़े हैं। बताया गया है कि पिंकी चौधरी ने खुद वर्ष 2013 में यह संगठन बनाया था। हैरानी की बात है कि इस संगठन में 1 लाख पंजीकृत सदस्‍य हैं। इनमें अधिकतर सदस्‍य दिल्‍ली-एनसीआर से हैं।

प्रधानमंत्री ने एशियाई खेल में 4×400 रिले पुरुष टीम के स्वर्ण पदक जीतने पर ख़ुशी जाहिर की

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने होंगझाउ में आयोजित एशियाई खेल 2022 में पुरुषों की 4×400 रिले स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:

“एशियाई खेलों में पुरुषों की 4×400 रिले टीम ने अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

इतने शानदार प्रदर्शन और भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने पर मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश पर गर्व है। उन्हें बधाई।”

देश की जनता को त्योहारों के मौसम में महंगाई का झटका! LPG सिलेंडर के दाम में इजाफा, जानें कितनी बढ़ी कीमतें?

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त्योहार के मौसम में देश की जनता को महंगाई का झटका लगा है। तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने आज (रविवार) से वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 209 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। कीमतों में बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में 1 अक्टूबर से 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 1,731.50 रुपये होगी। इस बढ़ोतरी के तत्काल प्रभाव से बाहर खाना महंगा हो जाएगा।

यह फैसला ओएमसी द्वारा 1 सितंबर से वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 158 रुपये की भारी कटौती करने के ठीक एक महीने बाद आया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में उनकी कीमत 1,522 रुपये हो गई थी।

वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में ताजा बढ़ोतरी केंद्र द्वारा अगस्त में देशभर के सभी कनेक्शन धारकों के लिए घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती के ठीक एक महीने बाद हुई है।

वाणिज्यिक और घरेलू एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) दोनों सिलेंडरों के लिए मासिक संशोधन प्रत्येक महीने के पहले दिन किया जाता है। इससे पहले अगस्त में भी ओएमसी ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 99.75 रुपये की कटौती की थी।

Asian Games 2023: भारत ने स्क्वैश में पाकिस्तान को हराकर जीता गोल्ड

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एशियाई खेल 2023 में भारत का सातवां दिन ऐतिहासिक रहा, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को पछाड़ते हुए पुरुष टीम स्क्वैश में स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि हॉकी के पूल-ए में भी पाकिस्तान को हराया। भारत ने शनिवार को दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य जीतकर कुल 38 पदक अपने नाम कर लिए।

भारत द्वारा जीते गए कुल पदकों में 10 स्वर्ण, 14 रजत और 14 कांस्य हैं। फिलहाल भारत एशियाई खेल 2023 (Asian Games 2023) में चौथे स्थान पर है। शनिवार को अपने शानदार प्रदर्शन के साथ, महेश मंगांवकर, सौरव घोषाल और अभय सिंह की भारतीय पुरुष स्क्वैश टीम ने कड़े फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 से हराकर दिन का पहला स्वर्ण पदक जीता।

शनिवार को भारत ने दूसरा पदक तब जीता जब भारतीय टेनिस जोड़ी रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले ने टेनिस मिश्रित युगल में स्वर्ण जीता दर्ज करी। चीनी ताइपे के एन-शुओ लियांग और त्सुंग-हाओ हुआंग के खिलाफ पहला सेट 6-2 से हारने के बाद भारतीय जोड़ी ने अपने विरोधियों को सीधे दो सेटों में 3-6 और 4-10 से हरा दिया।

निशानेबाजी में सरबजोत सिंह और दिव्या सुब्बाराजू की भारतीय जोड़ी ने मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। कुल 14 अंकों के साथ, भारत चीन से केवल दो स्वर्ण अंक से हार गया, जिसने शीर्ष पुरस्कार पाने के लिए कुल 16 अंक हासिल किए।

पुरुष टीम स्क्वैश में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों पर जीत की खुशी के बीच, हॉकी में और भी अधिक जश्न मनाया गया। भारत ने पूल-ए मैच में अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों पर अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के लिए 10 गोल दाग दिए। इस बेहद अवास्तविक मैच में भारत ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों पर 10-2 की शानदार जीत दर्ज की।

भारतीय मुक्केबाज प्रीति पवार ने 54 किलोग्राम महिला मुक्केबाजी स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश की पुष्टि की, न केवल कम से कम कांस्य पदक सुनिश्चित किया बल्कि देश के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 का कोटा भी हासिल किया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की ज़ैना शेकेरबेकोवा को अंकों के आधार पर 4-1 से हराया।

भारतीय ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन महिलाओं की 75 किलोग्राम मुक्केबाजी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंच गईं, जिससे भारत का तीसरा मुक्केबाजी पदक पक्का हो गया।

एथलेटिक्स में, पुरुषों की 10,000 मीटर का फाइनल भारत के लिए दोहरी खुशी वाला था क्योंकि कार्तिक कुमार ने रजत और गुलवीर सिंह ने कांस्य पदक जीता। कार्तिक ने 28:15.38 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता जबकि गुलवीर ने 28:17.21 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता।

समाजसेवी विकास राजौरा ने जनता के लिए उठाई आवाज, RWA द्वारा लगाए जा रहे अनाधिकृत गेट को हटाने के लिए पहुंचे DM के पास

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Gate Closed Colonies: बात चाहे गाजियाबाद की हो, नोएडा की हो या ग्रेटर नोएडा की। यदि आपको 200 मीटर जाना है तो फिर आपको दो से तीन किलोमीटर का अनावश्यक चक्कर लगाना पड़ता है। इसमें आपका समय और पैसा दोनों लगता है। ऐसा आदेश है कि आप सार्वजनिक अर्थात आम रास्ते को बंद नहीं कर सकते। क्योंकि, हर लिंक रोड जो जनता के आवागमन के लिए बनाया गया है उसको बंद करना अपराध है। लेकिन, कहीं भी आप देख लीजिए हर कालोनी के रास्ते पर उसी कालोनी के रहने वालों ने येलो गेट लगाकर आम रास्ता बंद कर रखा है।

गाजियाबाद की कॉलोनियों में RWA द्वारा इतने ज्यादा गेट लगा दिए गए हैं कि वाहन लेकर निकलना कठिन हो गया है। कोई आपात स्थिति हो या कोई गंभीर मरीज हो तो समस्या और भी जटिल हो जाती है। हिंडन पार क्षेत्रों में तो आए दिन आम रास्तों में नए गेट लगाकर उन्हें बंद किया जा रहा है।

आपको बता दें कि पिछले साल गाजियाबाद नगर निगम द्वारा RWA को चेतावनी दी गई थी की अगर सुरक्षा के नाम पर गेट बंद किया जाता है तो जुर्माना वसूला जाएगा। गाजियाबाद नगर निगम विभाग (Ghaziabad Municipality Corporation) ने सिक्योरिटी के नाम पर सोसाइटी और कॉलोनी के गेट बंद होने को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था। इस फैसले के मुताबिक अगर सुरक्षा के नाम पर कॉलोनी और सोसाइटी के गेट बंद होते हैं तो ऐसा करने पर नगर निगम जुर्माना लगाएगा। लगातार आ रही लोगों की शिकायत के बाद निगम ने यह फैसला लिया था।

साहिबाबाद के शालीमार गार्डन एक्सटेंशन 1 में रहने वाले समाज सेवी विकास राजोरा का कहना है कि यहां की गुलमोहर पार्क आरडब्ल्यूए ने पहले से ही सोसायटी में कई गेट लगा रखे हैं जिनमें से अधिकतर गेट पर्मानेंट बंद रहते हैं, जिसकी वजह से आम नागरिक को अनावश्यक घूम कर जाना पड़ता है। कई गेटों पर तो गार्ड की भी व्यवस्था नहीं है। अब आरडब्ल्यूए गुलमोहर पार्क 150 फूटा रोड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर गेट लगाकर उसको बंद करने की तैयारी कर रहा है। जिसका बिल्डिंग और स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध करा जा रहा है।

विकास राजोरा ने बताया कि गेट लगने से अनावश्यक स्थानीय निवासियों को 2–2.5 किलोमीटर फालतू घूमकर जाना पड़ेगा साथ ही अगर कोई आपात स्थिति होती है तो गेट की वजह से कोई भी बड़ी घटना हो सकती है।
DM और मुख्यमंत्री से करी शिकायत
विकास राजौरा ने बताया कि उनके द्वारा गेट लगने की शिकायत गाजियाबाद के जिला अधिकारी, गाजियाबाद कमिश्नरेट एवम् सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से की गई है। साथ ही X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से गाजियाबाद नगर निगम एवम् गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) से की है।

DM और मुख्यमंत्री से करी शिकायत
विकास राजौरा ने बताया कि उनके द्वारा गेट लगने की शिकायत गाजियाबाद के जिला अधिकारी, गाजियाबाद कमिश्नरेट एवम् सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से की गई है। साथ ही X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से गाजियाबाद नगर निगम एवम् गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) से की है।

स्वयंभू पदाधिकारी चलाते हैं अपनी

कहीं–कहीं तो इन गेटों को खोलने के लिए गार्ड भी उपलब्ध नहीं होते साहिबाबाद के शालीमार गार्डन एक्सटेंशन 1 में RWA द्वारा इलाके में इतने गेट लगा दिए गए हैं कि अब इन कॉलोनियों को गेटों के नाम से जाना जाता है। इन अनाधिकृत गेटों की वजह से ज्यादातर दिक्कत महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को होती है। अक्सर इस मुद्दे पर विवाद भी होता रहता है। लेकिन कुछ स्वयंभू पदाधिकारी अपनी ही चलाते हैं। उनको लोगों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है।

जरूरत पड़ी तो कोर्ट से लेंगे स्टे

विकास राजौरा ने बताया कि जनहित में उनके द्वारा गाजियाबाद प्रशासन एवम पुलिस के सभी आला अधिकारियों को RWA द्वारा लगाए जा रहे अनाधिकृत गेट के विषय में सूचना दे दी गई है और उनसे निवेदन भी किया गया है कि वह इस तरहां से लगने वाले अनाधिकृत गेटों पर कार्यवाही करें। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वह न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे और इस संबंध में जरूरत पड़ने पर कोर्ट से स्टे लेकर आएंगे।

किसने दी परमीशन, क्यों उड़ाई गईं नियमों की धज्जियां?
कॉलोनी को बंद करने की परमीशन आखिर किसने दी? यह सबसे बड़ा प्रश्न है। सत्यता तो यह है कि GDA के अधिकारियों को भी गेट बंद कराने की परमीशन नहीं है। तो ऐसे में किसकी परमिशन द्वारा लगातार RWA आम रास्तों को गेट लगाकर बंद कर रही है।

क्या हैं नियम जिनका नहीं हो पाता पालन?

वैसे तो किसी भी नियम के तहत आम रास्ते पर गेट लगा कर उसको बंद नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी अगर उस कॉलोनी के सभी निवासी आपसी सहमति से गेट लगवाना चाहते हैं तो उसको लगाने के लिए कुछ नियम एवम् शर्तो का पालन करना अनिवार्य है यह नियम इस प्रकार है।

आम आदमी को कॉलोनी में गेट लगे होने के बावजूद रास्ते से गुजरने से नहीं रोका जा सकता। उनके पास निकलने का पूरा अधिकार है। गेट खुले रहने का समय सुबह 6 से रात 10 बजे तक होता है। गर्मी में समय तड़के 5 बजे से रात 11 बजे तक होता है।

गेट पर अपने स्तर पर गार्ड तैनात करना होता है। सुरक्षा के मद्देनजर कॉलोनी के गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होता है। कोई भी कुदरती आपदा या आपात स्तिथि आने पर गेटों से गुजरने में बड़े वाहनों को दिक्कत न आए इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गेटों पर उचित रोशनी का प्रबंध करना होता है।

किसी की जान व माल के नुकसान की जिम्मेदारी सोसायटी की होती है। गेट के फ्रंट और साइड पर कोई पार्किंग नहीं हो सकती। ताकि किसी तरह का विवाद न पनपे।

कॉलोनियों में गेट लगाकर सरेआम विकास प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। लेकिन इसके बाद भी विकास प्राधिकरण कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही कारण है कि कॉलोनाइजर्स और RWA लगातार नई कॉलोनियों को गेट लगाकर बंद करा रहे हैं। GDA चाहे, तो कॉलोनी को बंद करने वाले कॉलोनाइजर्स पर जुर्माना ठोंक सकता है।

आपातकालीन होता है कॉलोनी का रास्ता
शहरों में बनाई जाने वाली कॉलोनियों का मार्ग खुला हुआ होना चाहिए। क्योंकि आपातकालीन स्थिति में लोग निकलने के लिए विकल्प तलाशते हैं, जो उन्हें कॉलोनियों की रोड के रूप में मिल जाता है। जब कॉलोनी का गेट बंद कर दिया जाएगा, तो लोग कहां से होकर निकलेंगे। गेट बंद कॉलोनी बनाए जाने का कोई प्रावधान प्राधिकरण में नहीं है। कई बार लोगों की शिकायत पर गेटों को तुड़वाया भी गया है।

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